क्या समाजवादी पार्टी के वोटर देंगे जवाब: संभल में हरिहर शिव मंदिर 45 साल तक कब्जे में क्यों रहा?
संभल हरिहर शिव मंदिर का मुद्दा एक बार फिर उत्तर प्रदेश की राजनीति में गरमा गया है। यह मंदिर, जो दीपा सराय के मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित है, 45 वर्षों तक कब्जे में रहा। हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मंदिर को कब्जे से मुक्त करवाकर वहां पूजा-अर्चना शुरू कराई।
कैसे सामने आया मामला?
14 दिसंबर को प्रशासन और पुलिस दीपा सराय में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे थे। इसी दौरान हरिहर शिव मंदिर का खुलासा हुआ। मंदिर के अंदर शिवलिंग और हनुमान जी की मूर्तियां पाई गईं।
1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद यह मंदिर और कई हिंदू घर खाली रह गए थे। दंगों के बाद हिंदू परिवारों ने संभल छोड़ दिया, और उनके मकान व धार्मिक स्थल अतिक्रमण का शिकार हो गए।
मंदिर की स्थिति देखकर प्रशासन और पुलिस भी चकित रह गए। चारों तरफ अतिक्रमण से घिरे इस मंदिर की जानकारी किसी को नहीं थी।
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हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़?
45 साल तक हरिहर शिव मंदिर कब्जे में रहा, क्या यह हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं का अपमान नहीं है?
हिंदू समुदाय का कहना है कि दीपा सराय जैसे क्षेत्रों में जाने की हिम्मत करना आज भी मुश्किल है। यहां तक कि प्रशासन और पुलिस भी इन इलाकों में मुश्किल से पहुंच पाते हैं।
दंगों के बाद हिंदुओं की वापसी कभी नहीं हुई। लेकिन सवाल यह है कि इतने सालों तक यह मंदिर कब्जे में रहा, इसके लिए जिम्मेदार कौन है?
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योगी सरकार की पहल: मंदिर मुक्त हुआ
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और पुनःस्थापना को प्राथमिकता दी है।
15 दिसंबर से मंदिर में पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है।
हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाया गया और शिवलिंग का जलाभिषेक हुआ।
अब मंदिर में नियमित आरती भी हो रही है।
यह कदम हिंदू समाज के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है।
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सपा की चुप्पी पर सवाल
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी अक्सर सांप्रदायिक सौहार्द की बात करती है, लेकिन हरिहर शिव मंदिर 45 वर्षों तक कब्जे में क्यों रहा, इस पर उनकी चुप्पी सवाल खड़े करती है।
सपा शासनकाल में मंदिरों की सुरक्षा क्यों नहीं हुई?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव और संभल के सांसद जियारउ रहमान बर्क को जवाब देना चाहिए कि मंदिर कब्जे में क्यों था।
क्या सपा ने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाए?
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बिजली चोरी और अराजकता का खुलासा
संभल में बिजली चोरी की समस्या बड़ी है।
हर महीने 14 करोड़ रुपये की बिजली चोरी होती है।
दीपा सराय जैसे इलाकों में बिजली के खंभे तक घरों में लगाए गए हैं।
बिजली विभाग के कर्मचारी इन इलाकों में जाने से डरते हैं।
हाल ही में प्रशासन की सख्ती के बाद यह मामला सामने आया। बिजली चोरी और अतिक्रमण ने इन क्षेत्रों की समस्याओं को और जटिल बना दिया है।
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क्या सपा वोटरों को यह सोचना चाहिए?
संभल हरिहर शिव मंदिर का मुद्दा समाजवादी पार्टी के हिंदू वोटरों को भी सोचने पर मजबूर करता है।
क्या सपा ने हिंदुओं की धार्मिक धरोहरों की रक्षा की?
45 साल तक मंदिर कब्जे में रहा, क्या यह सांप्रदायिक सौहार्द है?
क्यों दंगों के बाद हिंदू परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की गई?
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क्या अब हिंदू धरोहरें बचेंगी?
योगी आदित्यनाथ सरकार ने हरिहर शिव मंदिर को मुक्त कर पूजा-अर्चना शुरू करवाई। लेकिन सवाल यह है कि अभी कितने और मंदिर ऐसे ही कब्जे में हैं?
समाजवादी पार्टी को इन मुद्दों पर जवाब देना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
संभल का हरिहर शिव मंदिर हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। इसका पुनरुद्धार एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह सवाल हमेशा बना रहेगा कि मंदिर 45 वर्षों तक कब्जे में क्यों था।
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